‘पुष्पा 2’ ने Allu Arjun को पहुंचाया जेल, अंदर की बात आई सामने!

‘पुष्पा 2’ ने Allu Arjun को पहुंचाया जेल, अंदर की बात आई सामने!

साउथ के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) एक तरफ अपनी फिल्म को लेकर दुनियाभर में चर्चा में रहे। तो वहीं आज यानी 13 दिसंबर को फिल्म ‘पुष्पा 2′ मुसीबत का कारण बनकर सामने आई है। इस फिल्म के चलते अभिनेता को जेल हो गई है। जी हां, अल्लू अर्जुन को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

 

चिक्कड़पल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में

 

शुक्रवार 13 दिसंबर को अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) को चिक्कड़पल्ली पुलिस ने उनके घर से अभिनेता को हिरासत में लिया। अल्लू अर्जुन के खिलाफ BNS की धाराओं- 105 और 118 (1) के तहत चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के बाद एक्टर को नामपल्ली कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी सुनवाई हुई और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

 

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क्या है पूरा मामला

 

एक तरफ जहां अल्लू अर्जुन के फैंस पुष्पा 2′ को लेकर जश्न में डूबे हुए थे तो वहीं अब सबसे चेहरों पर गम नजर आ रहा है। 5 दिसंबर को देशभर के कई सिनेमाघरों में पुष्पा 2′ रिलीज हुई, लेकिन रिलीज से पहले यानी 4 दिसंबर को उनकी फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई थी। जहां वह संध्या थिएटर में बिन बताए पहुंच गए थे। इसके चलते वहां भगदड़ मच गई। अभिनेता की एक झलक पाने के चलते फैंस थिएटर में घुसने की कोशिश करने लगे और हादसे में 39 साल की महिला रेवती और उसका बेटा दब गए। सांस घुटने से दोनों बेहोश हो गए। पुलिस जब रेवती और उसके बेटे को अस्पताल ले गई, तो डॉक्टरों ने रेवती को मृत घोषित कर दिया। वहीं बेटे की हालत नाजुक बताई।

 

रेवती के परिवार ने दर्ज करवाया केस

 

इस घटना के बाद रेवती के पति और परिवार ने अभिनेता अल्लू अर्जुन को इस हादसे का दोषी बताया और उनके खिलाफ चिक्कड़पल्ली स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। इस मामले में थिएटर के मालिक, मैनेजर और बालकनी के सुपरवाइजर की पहले ही गिरफ्तारी हुई थी। अभिनेता समेत तीनों न्यायिक हिरासत में हैं।

सामंथा से तलाक के तीन साल बाद नागा चैतन्य ने रचाई दूसरी शादी, शोभिता धुलिपाला बनीं दुल्हनिया

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Naga-Sobhita Wedding: साउथ एक्टर नागा चैतन्य और एक्ट्रेस शोभिता धुलिपाला आखिरकार शादी के बंधन में बंध ही गए। इस कपल ने 8 अगस्त को परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में सगाई की थी। करीब 4 महीने बाद दोनों परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में शादी रचाई। सोशल मीडिया पर इस कपल की वेडिंग फोटोज तेजी से वायरल हो रही है।

दूसरी बार दूल्हा बने नागा चैतन्य

नागा चैतन्य आज दूसरी बार दूल्हा बनें हैं। इससे पहले उन्होंने साउथ की फेमस एक्ट्रेस सामंथा से शादी रचाई थी, लेकिन साल 2021 में दोनों का तलाक हो गया।  सामंथा से तलाक के बाद नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला एक-दूसरे को डेट करने लगे। ऐसे में अब ये कपल हमेशा के लिए शादी के बंधन में बंध गया।

अक्किनेनी नागार्जुन ने शेयर की तस्वीर

नागा चैतन्य की शादी की पहली झलक अभिनेता के पिता और साउथ के सुपरस्टार अक्किनेनी नागार्जुन ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर की। उन्होंने लिखा- शोभिता और चाय को एक साथ इस खूबसूरत अध्याय की शुरुआत करते देखना मेरे लिए एक विशेष और भावनात्मक क्षण रहा है। मेरी प्यारी चाय को बधाई और प्रिय शोभिता का परिवार में स्वागत है-आप पहले ही हमारे जीवन में बहुत सारी खुशियां ला चुकी हैं।

इसके आगे अभिनेता ने लिखा है- यह उत्सव और भी गहरा अर्थ रखता है क्योंकि यह एएनआर गरू की प्रतिमा के आशीर्वाद के तहत प्रकट होता है, जिसे उनके शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में स्थापित किया गया है। ऐसा महसूस होता है मानो इस यात्रा के हर कदम पर उनका प्यार और मार्गदर्शन हमारे साथ मौजूद है। मैं आज हम पर मिले अनगिनत आशीर्वादों को धन्यवाद देता हूं।

दोनों के चेहरे पर दिखीं खुशी

दूल्हा-दुल्हन के लिबास में नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला बेहद ही खूबसूरत नजर आए। बता दें, नागा चैतन्य अपनी शादी में पंचा पहनने नजर आए। वहीं दुल्हन शोभिता धुलिपाला पारंपरिक रेशमी साड़ी पहने नजर आईं।  कहा जा रहा है कि शोभिता धुलिपाला की साड़ी असली सोने की जरी से बनी हुई है।

बता दें, इस मौके पर शोभिकता ने मिनिमम मेकअप किया था। इसी के साथ उन्होंने साथ उन्होंने कुंदन की ज्वैलरी को कैरी की थी। शोभिता धुलिपाला ने बालों में गजरा लगाया है। जो उनकी खूबसूरत पर चार चांद लगा रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

3 फेशियल आप घर पर आज़मा सकते हैं

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लोरेम इप्सुम आम तौर पर रोमन राजनेता और दार्शनिक सिसरो द्वारा पहली शताब्दी ईसा पूर्व में लिखे गए पाठ डे फिनिबस बोनोरम एट मालोरम का एक भ्रष्ट संस्करण है , जिसमें शब्दों को बदला, जोड़ा और हटाया गया है ताकि इसे निरर्थक और अनुचित लैटिन बनाया जा सके । पहले दो शब्द खुद डोलोरेम इप्सुम (“दर्द खुद”) का संक्षिप्त रूप हैं।

यह कहाँ से आता है?
आम धारणा के विपरीत Lorem Ipsum बस यादृच्छिक (random) पाठ नहीं है. यह 45 ई.पू. से शास्त्रीय लैटिन साहित्य के एक टुकड़े से जुड़ा है, जो इसे 2000 वर्ष से अधिक प्राचीन बनाता है. Richard McClintock, हेम्प्डन-वर्जीनिया में सिडनी कॉलेज में एक लैटिन प्रोफेसर है, ने एक Lorem इप्सुम में से एक और अधिक अस्पष्ट लैटिन शब्द देखा और शास्त्रीय साहित्य के शहर में जाते हुए असंदेहदास्पक स्रोत की खोज की. Lorem Ipsum सिसरौ(Sisero) द्वारा “De Finibus Bonorum et Malorum” (अच्छाई और बुराई की चरम सीमा) के 1.10.32 और 1.10.33 वर्गों से आता है जो ४५ BC में लिखा गया था. यह पुस्तक “नैतिकता के सिद्धांत” विषय पर निबंध, जो नवजागरण के दौर का एक बहुत लोकप्रिय ग्रंथ है. Lorem Ipsum की पहली पंक्ति, “Lorem ipsum dolor sit amet..”, 1.10.32 खंड में एक पंक्ति से आती है.

Lorem Ipsum का मानक हिस्सा जिसकी प्रतिलिपि सन 1500 से प्रयोग की जाती है, रुचि रखने वालों के लिए नीचे उपलब्ध है. Cicero द्वारा लिखे गए “de Finibus Bonorum et Malorum” के खंड 1.10.32 और 1.10.3 भी अपने सटीक मूल रूप में उत्पादित हैं, साथ ही H. Rackham द्वारा 1914 में अंग्रेजी में अनुवादित संस्करण.

रील रिफ्रेश: इस सप्ताह देखने के लिए नई फिल्में

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लोरेम इप्सुम आम तौर पर रोमन राजनेता और दार्शनिक सिसरो द्वारा पहली शताब्दी ईसा पूर्व में लिखे गए पाठ डे फिनिबस बोनोरम एट मालोरम का एक भ्रष्ट संस्करण है , जिसमें शब्दों को बदला, जोड़ा और हटाया गया है ताकि इसे निरर्थक और अनुचित लैटिन बनाया जा सके । पहले दो शब्द खुद डोलोरेम इप्सुम (“दर्द खुद”) का संक्षिप्त रूप हैं।

यह कहाँ से आता है?
आम धारणा के विपरीत Lorem Ipsum बस यादृच्छिक (random) पाठ नहीं है. यह 45 ई.पू. से शास्त्रीय लैटिन साहित्य के एक टुकड़े से जुड़ा है, जो इसे 2000 वर्ष से अधिक प्राचीन बनाता है. Richard McClintock, हेम्प्डन-वर्जीनिया में सिडनी कॉलेज में एक लैटिन प्रोफेसर है, ने एक Lorem इप्सुम में से एक और अधिक अस्पष्ट लैटिन शब्द देखा और शास्त्रीय साहित्य के शहर में जाते हुए असंदेहदास्पक स्रोत की खोज की. Lorem Ipsum सिसरौ(Sisero) द्वारा “De Finibus Bonorum et Malorum” (अच्छाई और बुराई की चरम सीमा) के 1.10.32 और 1.10.33 वर्गों से आता है जो ४५ BC में लिखा गया था. यह पुस्तक “नैतिकता के सिद्धांत” विषय पर निबंध, जो नवजागरण के दौर का एक बहुत लोकप्रिय ग्रंथ है. Lorem Ipsum की पहली पंक्ति, “Lorem ipsum dolor sit amet..”, 1.10.32 खंड में एक पंक्ति से आती है.

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de Finibus Bonorum et Malorum

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यह कहाँ से आता है?
आम धारणा के विपरीत Lorem Ipsum बस यादृच्छिक (random) पाठ नहीं है. यह 45 ई.पू. से शास्त्रीय लैटिन साहित्य के एक टुकड़े से जुड़ा है, जो इसे 2000 वर्ष से अधिक प्राचीन बनाता है. Richard McClintock, हेम्प्डन-वर्जीनिया में सिडनी कॉलेज में एक लैटिन प्रोफेसर है, ने एक Lorem इप्सुम में से एक और अधिक अस्पष्ट लैटिन शब्द देखा और शास्त्रीय साहित्य के शहर में जाते हुए असंदेहदास्पक स्रोत की खोज की. Lorem Ipsum सिसरौ(Sisero) द्वारा “De Finibus Bonorum et Malorum” (अच्छाई और बुराई की चरम सीमा) के 1.10.32 और 1.10.33 वर्गों से आता है जो ४५ BC में लिखा गया था. यह पुस्तक “नैतिकता के सिद्धांत” विषय पर निबंध, जो नवजागरण के दौर का एक बहुत लोकप्रिय ग्रंथ है. Lorem Ipsum की पहली पंक्ति, “Lorem ipsum dolor sit amet..”, 1.10.32 खंड में एक पंक्ति से आती है.

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Lorem Ipsum का मानक हिस्सा जिसकी प्रतिलिपि

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